Prostate Cancer: केवल 1 हफ्ते में 5 डोज़ देकर प्रोस्टेट कैंसर का इलाज संभव, लाखों रुपये की बचत, ऐसे करे पहचान

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प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) प्रोस्टेट में होने वाला एक कैंसर है । पुरुषों में अखरोट के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है जिसे प्रोस्टेट कहा जाता जो ब्लैडर और प्राइवेट पार्ट के बीच में होती है तथा यह ग्रंथि वीर्य का उत्पादन करती है जो शुक्राणु को पोषण और परिवहन करती है। प्रोस्टेट कैंसर सबसे आम प्रकार के कैंसर में से एक है। प्रोस्टेट कैंसर तब शुरू होता है जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर होने लगती हैं। प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में पाई जाती है।

पुरुषों में प्रॉस्टेट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रॉस्टेट कैंसर भारत समेत एशियाई मूल के पुरुषों में तेजी से बढ़ा है। ऐसे में प्रॉस्टेट कैंसर से बचाव की जानकारी लोगों को जरूर लेनी चाहिए।

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज (Prostate Cancer Treatment)

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज दो तरीके से किया जाता है इसमें पहला विकल्प ऑपरेशन का है, जिसमें प्रोस्टेट निकाल दिया जाता है और दूसरा विकल्प रेडियोथेरेपी का है, जिसमें एक्स रे बीम के जरिए ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है.  

एक या दो हफ्ते में रेडिएशन की 5 डोज (Prostate Cancer Surgery)

द टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन रॉयल मार्सडेन अस्पताल के डॉक्टर जल्द ही ऐसा ट्रायल करने वाले हैं, जिसमें मरीजों को रेडियोथेरेपी की दो डोज दी जाएगी. ट्रायल में ये जानने की कोशिश की जाएगी कि रेडियोथेरेपी की छोटी छोटी कई डोज देने के बजाय दो बड़ी डोज देना कितना सुरक्षित और प्रभावी है. 

एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट और द इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च के शोधकर्ताओं ने पाया था कि ​एक निश्चित मात्रा में रेडिएशन से प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) के मरीजों का इलाज संभव है. शोधकर्ताओं के अनुसार, एक महीने में छोटे-छोटे 20 सेशन के बजाय एक या दो हफ्ते में रेडिएशन की सिर्फ 5 डोज देकर भी मरीज का इलाज किया जा सकता है.

अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लीनिकल ओंकोलॉजी के मुताबिक, यह कैंसर से मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि यह सालों तक खामोश रहता है और इसके शुरुआती लक्षण सामने नहीं आते हैं.

लाखों रुपये की बचत 

ट्रायल के प्रमुख और कंसल्टेंट क्लिनिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर एलिसन ट्री ने द टाइम्स को बताया कि अगर ये सफल होता है तो मरीजों को इसका काफी फायदा मिलेगा, वो अपनी सामान्य जिंदगी में वापस लौट सकते हैं.

डॉक्टर्स का कहना है कि कैंसर के इलाज में 20 सेशन को घटाकर दो तक करने से लाखों पाउंड की बचत होगी और रेडियोथेरेपी यूनिट्स से अधिक मरीजों का इलाज किया जा सकेगा.

प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत (Prostate Cancer Stages)

अपने शुरुआती स्तर पर प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ पीयूष ग्रंथि तक ही सीमित रहता है। लेकिन अगर इसका सही समय पर पता लगाकर उपचार ना किया जाए तो यह आस-पास के अंगों में भी फैलने लगता है। इससे यह अधिक घातक रूप धारण कर लेता है। यह कैंसर पुरुषों में ही होता है।

प्रोस्टेट कैंसर मुख्य लक्षण क्या क्या है? (Prostate Cancer Symptoms)

  • जलन और पेशाब में दर्द
  • पेशाब करने और रोकने में कठिनाई
  • रात में बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
  • मूत्राशय के नियंत्रण में कमी
  • मूत्र प्रवाह में कमी
  • मूत्र में रक्त (हेमट्यूरिया)
  • वीर्य में रक्त
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन
  • दर्दनाक स्खलन

प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) related F.A.Q.

क्या प्रोस्टेट कैंसर के 5 चेतावनी के संकेत हैं?

पुरुषों को कमर के निचले हिस्से में तेज दर्द होता है। यह दर्द लगातार बना भी रह सकता है। –प्रोस्टेट कैंसर के पेशंट्स को यूरिन पास करते समय इस बात का अहसास होता है कि उनके यूरिन की धार कम हो रही है या पतली हो रही है। –प्रोस्टेट कैंसर के कारण पेशाब करते समय दिक्कत होती है।

प्रोस्टेट समस्याओं का पहला लक्षण क्या है?

कई बार मरीज शिकायत करते हैं कि उन्हें पेशाब नहीं आ रहा, यह मरीज के लिए प्रोस्टेट का प्रथम लक्षण भी हो सकता है। कई बार पेशाब करने में दर्द या मूत्र शीघ्र न आना भी इस बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। प्रोस्टेट के लक्षण होने पर तुरन्त डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

प्रोटेस्ट कैंसर कैसे होता है?

प्रोस्टेट हार्मोन टेस्टोस्टेरोन द्वारा विनियमित होता है और एक तरल पदार्थ का उत्पादन करता है, जिसे वीर्य कहा जाता है। वीर्य शुक्राणु युक्त तरल पदार्थ है जो वीर्य स्खलन के दौरान मूत्रमार्ग से बाहर निकलता है। जब प्रोस्टेट में कोशिकाओं की असामान्य, घातक वृद्धि से ट्यूमर बन जाता है, इसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जाता है।

प्रोस्टेट बढ़ने के क्या लक्षण है?

पेशाब करने रात में कम से कम 5 से 6 बार उठना | ब्लैडर भरा होने के बाद भी पेशाब करने में दिक्कत महसूस होना |
बार–बार पेशाब करने के बाद भी यह महसूस होता है की पेशाब नहीं कर पाया |
ज़ोर लगाने पर भी पेशाब करना मुश्किल हो जाता है |
ब्लैडर पेशाब से भर जाने पर निचे वाले हिस्से में दर्द महसूस होना |

प्रोस्टेट नार्मल कितना होना चाहिए?

प्रोस्टेट का नॉर्मल साइज 18 से 20 ग्राम होता है। हर साल इसके आकार में 2.3 ग्राम की बढ़ोतरी होती है। यदि इस बीमारी से ग्रस्त किसी व्यक्ति का प्रोस्टेट का आकार 100 ग्राम से ज्यादा बढ़ जाए तो यह किडनी के लिए घातक होता है।

प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या करना चाहिए?

प्रोस्टेट ग्रंथि को हटाने के लिए सर्जरी
रेडियोथेरेपी – शरीर में मौजूद कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए विकिरण का उपयोग करना ।
हार्मोन थेरेपी – टेस्टोस्ट्रोन के प्रभाव को रोकने के लिए दवा का उपयोग करना। (यह वह हार्मोंन होता है जो प्रोस्टेट कैंसर को उत्तेजित करता है।)

प्रोस्टेट का ऑपरेशन कैसे होता है?

इस पध्दति में ऑपरेशन, चीरा लगाने या टांका लगाने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। यह उपचार मरीज को सामान्यतः बिना बेहोश किये, रीढ़ में इंजेक्शन देकर कमर के नीचे का भाग सुन्न करके किया जाता है। इस क्रिया में पेशाब के रस्ते (मूत्रनलिका) से दूरबीन डालकर प्रोस्टेट की गाँठ का अवरोध उत्पन्न करनेवाला भाग खुरचकर निकाल दिया जाता है।

प्रोस्टेट ग्रंथि को मजबूत कैसे करे?

पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अब दोनों पैरों को एकसाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
आपके पैर 90 डिग्री के कोण में ऊपर उठे होने चाहिए।
हाथों को सीधा रखें। …
कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्‍य मुद्रा में वापस आ जाएं।