Barish Shayari, Shayri on Rain
Barish Shayari: दोस्तों जैसा की हम जानते है बारिश का मौसम अपने साथ मोहब्बत और प्यार का मौसम भी साथ लेकर आता है, बारिश से मन का रिश्ता बहुत गहरा है, मन का मौसम बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। किसी की याद सताने लगती है तो कभी खुशनुमा सा माहौल लगता है। इस बदलते मन को एक शायर से ज्यादा शायद ही कोई महसूस कर सकता हो, सभी प्रेमी इस मौसम का बहुत इंतज़ार करते है, इसलिए बारिश को मोहब्बत का मौसम भी कहा जाता है.
आज का यह आर्टिकल ख़ास Barish Shayari (बारिश पर शायरी) के लिए बनाया गया है, जहा आप इसमे पढ़े बारिश से जुडी चुनिन्दा शेरो-शायरियाँ जिसे आप बारिश के दीवानों को भी शेयर कर सकते है जिससे की वो भी इस शायरी के मजे ले पाए.
दोस्तों आशा करता हु की आपको यह आर्टिकल Barish Shayari जरुर पसंद आएगा यदि आपको आपको हमारा आर्टिकल पसंद आये तो आप हमारे इस आर्टिकल को Facebook, Whatsapp और अपने दोस्तों को भी जरुर शेयर करे.
‘बारिश’ पर शायराना अल्फ़ाज़…
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!
Suna Hai Barish Hain Tumhare Shahar Me,
Jyada Bheegna Mat,
Agar Dhool Gayi Sari Galatfahmiyan,
Toh Phirr Bahut Yaad Aayenge Hum.
Barish Shayari, Iss Barish Ke Mausam Me…
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!
Iss Barish Ke Mausam Me Ajeeb Si Kashish Hain,
Na Chahte Hue Bhi Koi Shiddat Se Yaad Aata Hai.
उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।
Unki Yaadon Ke Bunde Barsi Jo Phir Se,
Zindagi Ki Mitti Mahkane Lagi Hai.
अगर मेरी चाहतो के मुताबिक जमाने में हर बात होती !
तो बस मै होता तुम होती और सारी रात बरसात होती !!
Agar Meri Chahton Ke Mutabik Jamane Me Har Baat Hoti,
Toh Bas Main Hota Tum Hoti Aur Sari Rat Barsaat Hoti.
बारिश से ज़्यादा तासीर है तेरी यादों मे,
हम अक्सर बंद कमरे मे भी भीग जाते हैं!!
Barish Se jyada Taseer Hai Teri Yaadon Me,
Hum Aksar Band Kamre Me Bhi Bheeg Jate Hain.
ज़रा ठहरो के बारिश है यह थम जाए तो फिर जाना
किसी का तुझ को छु लेना मुझे अच्छा नहीं लगता
Jara Thehro Ke Barish Hai Yah Tham Jaye To Phirr Jana,
Kisi Ka Tujh Ko Choo Lena Mujhe Achha Nahi Lagta.
बरिश का यह मौसम कुछ याद दिलाता है
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता है
फिजा भी सर्द है यादें भी ताज़ा हैं
यह मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता है
Barish Ka Yah Mausam Kuch Yaad Dilata Hai,
Kisi Ke Sath Hone Ka Ehsaas Dilata Hai,
Fiza Bhi Sard Hai Yaadein Bhi Taza Hai,
Yah Mausam Kisi Ka Pyar Dil Mein Jagaata Hai
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Baarish Shayari, Aaj Mausam Kitna Khush Gawar Ho Gya…
आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया,
खत्म सभी का इंतज़ार हो गया,
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से,
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया !!
Aaj Mausam Kitna Khush Gawar Ho Gya,
Khatm Sabhi Ka Intezaar Ho Gya,
Baarish Ki Boonde Giri Kuch Iss Trah Se,
Laga Jaise Aasman Ko Jameen Se Pyar Ho Gya.
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम !!
Tumhe Barish Pasand Hai Mujhe Barish Me Tum,
Tumhe Hansna Pasand Hai Mujhe Haste Hue Tum,
Tumhe Bolna Pasand Hai Mujhe Bolte Huye Tum,
Tumhe Sab Kuch Pasand Hai Aur Mujhe Bas Tum !!
ये मौसम भी कितना प्यारा है,
करती ये हवाएं कुछ इशारा है,
जरा समझो इनके जज्बातों को,
ये कह रही हैं किसी ने दिल से पुकारा है !!
Ye Mausam Bhi Kitna Pyara Hai,
Karti Ye Hawayen Kuch Ishara Hai,
Jara Samjho Inke Jazbaton Ko,
Ye Kah Rahin Hai Kisi Ne Dil Se Pukara Hai !!
बरसात की भीगी रातों में फिर कोई सुहानी याद आयी
कुछ अपना जमाना याद आया कुछ उनकी जवानी याद आयी
हम भूल चुके थे जिसने हमें दुनिया में अकेला छोड़ दिया
जब गौर किया तो एक सूरत जानी पहचानी याद आयी….
Barsat Ki Bheegi Raaton Mein Fir Koi Suhani Yaad Aayi,
Kuchh Apna Jamana Yaad Aaya Kuchh Unki Jawani Yaad Aayi,
Hum Bhool Chuke The Jisne Hamein Duniya Mein Akela Chhor Diya,
Jab Gaur Kiya To Ek Surat Jaani Pehchani Yaad Aayi….
Baarish Shayari, Best Rain Shayari
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
Rahne Do Ki Ab Tum Bhi Mujhe Parh Na Sakoge,
Barsat Me Kagaj Ki Tarh Bheeg Gaya Hun Main.
आज भीगी है पलके किसी की याद में
आकाश भी सिमट गया हैं अपने आप में
ओस की बूँद ऐसी गिरी है ज़मीन पर
मानो चाँद भी रोया हो उनकी याद में.…
Aaj Bheegee Hai Palake Kisee Kee Yaad Mein,
Aakaash Bhee Simat Gaya Hain Apane Aap Mein,
Aus Kee Boond Aisee Giree Hai Zameen Par,
Maano Chaand Bhee Roya Ho Unakee Yaad Mein.…
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
Majbooriyan Odh Ke Nikalta Hun Ghar Se Aajkal,
Barna Shauk To Aaj Bhi Hai Barishon Me Bheegne Ka.
बारिश ये जब भी ज़मीं का रुख़ करती है
रूह में सिमटी यादें भींगने को मचलती है
गरजता है बादल जैसे कोई झंकार बनके
बूंदों के संग फिर कहानी कोई बरसती है.
Baarish Yeh Jab Bhi Jameen Ka Rukh Karti Hai,
Ruh Me Simti Yaadein Bheegne Ko Machalti Hai,
Garajta Hai Baadal Jaise Koi Jhankaar Banke,
Boondon Ke Sang Phirr Kahani Koi Barasti Hai.
एक ज़मीं जो उसे, Latest Barish Shayari
एक ज़मीं जो उसे दामन में समेट रही है
एक आसमां है जो बूंद बनके उसे बरसा रहा है
बूंदों का रिश्ता धरती से और गहरा हो जा रहा है.
Ek Jameen Jo Use Daman Me Samet Rahi Hai,
Ek Aasma Hai Jo Boond Banke Use Barsa Rahaaa Hai,
Boondon Ka Rishta Dharti Se Aur Gehra Ho Ja Raha Hai.
ये मौसम भी कितना प्यारा है,
करती ये हवाएं कुछ इशारा है,
जरा समझो इनके जज्बातों को,
ये कह रही हैं किसी ने दिल से पुकारा है !!
Ye Mausam Bhi Kitna Pyara Hai,
Karti Ye Hawayen Kuch Ishara Hai,
Jara Samjho Inke Jazbaton Ko,
Ye Kah Rahin Hai Kisi Ne Dil Se Pukara Hai !!
कुछ तो चाहत होगी इन बूंदो की भी
वरना कौन छूता है
इस ज़मीन को उस आसमाँ से टूट कर
Kuchh toh chahat hogi in boondo ki bhi
Varna koun chhoota hai
Is zameen ko us aasmaan se toot kar
बारिश में हम पानी बनकर बरस जायेंगे
पतझड़ में भी फूल बनकर बिखर जायेंगे
क्या हुआ जो हम आपको सताते हैं
कभी आप इन लम्हो ले लिए भी तरस जायेंगे
Barish mein hum paani bankar baras jayenge
Patjhar mein bhi phool bankar bikhar jayenge
Kya hua jo hum aapko satate hain
Kabhi aap in lamho ke liye bhi taras jayenge
ए बादल क्या किसी ने तेरा भी दिल दुखाया है
वरना इतनी शिद्दत से बरसता ही कौन है
Ae badal kya kisi ne tera bhi dil dukhaya hai
varna itni shiddat se barsata hi koun hai
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