रामानंद सागर की रामायण (Ramayan Ravan) में रावण का किरदार निभाने वाले दिग्गज एक्टर अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi Death) का मंगलवार रात मुंबई में निधन हो गया है। वो 82 साल के थे।
अरविंद के निधन की खबर उनके भतीजे कौस्तुब ने दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद त्रिवेदी काफी समय से बीमार थे और दिल का दौरा पड़ने तथा कई अंगों के काम नहीं करने चलते उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार बुधवार सुबह मुंबई में होगा।
कौस्तुभ त्रिवेदी ने कहा कि मंगलवार रात करीब 10 बजे उनका निधन हो गया है। उन्होंने बताया कि चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे। पिछले तीन साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी। ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा था। एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे। मंगलवार की रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया।
मौत की उड़ी थी अफवाह
बता दें कि अरविंद त्रिवेदी के निधन की अफवाहें कई बार उड़ीं। साल 2019 में मई के महीने में अरविंद त्रिवेदी के निधन की अफवाह आग की तरह फैल गई थी। तब उनके भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने ट्विटर पर उसका खंडन किया था और फेक न्यूज न फैलाने की अपील की थी।
अरविंद त्रिवेदी ने रामानंद सागर द्वारा बनाई गई रामायण में रावण का दमदार रोल निभाया था। उन्होंने इस तरह से रोल प्ले किया था कि आज तक लोगों की आंखों के सामने उनकी वही छवि बनी हुई है।
अरविंद त्रिवेदी का जन्म 8 नवंबर 1938 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका शुरुआती करियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा के चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में काम कर चुके हैं। हिंदी के पॉपुलर शो रामायण से घर-घर पहचान बनाने वाले लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने करीब 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया है।
300 हिंदी-गुजराती फिल्मों में किया काम
अरविंद त्रिवेदी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ था. उन्होंने गुजराती रंगमंच से अपने करियर की शुरुआत की थी. गुजराती सिनेमा में कई वर्षों तक उनका योगदान रहा. गुजराती दर्शकों के बीच उन्हें अच्छी खासी पहचान मिली और अपने शानदार अभिनय के लिए वे सम्मानित भी किए जा चुके हैं.
सांसद भी रहे
1991 में, अरविंद त्रिवेदी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य के रूप में साबरकथा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए और 1996 तक इस पद पर रहे।