इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सरकार 85 फीसदी तक सब्सिडी मुहैया करा रही है
Business Idea: अगर आप किसी नए बिजनेस की तलाश में हैं, जहां शुरुआती दौर में कम लागत हो और बंपर कमाई हो तो हम आपको एक ऐसा बिजनेस बता रहे हैं, जिसकी देश-विदेश में डिमांड बहुत ज्यादा है।
अगर आप इस बिजनेस में हाथ अजमाते हैं तो पक्का आपकी हम महीने मोटी कमाई होगी। यहां तक कि आप नौकरी से भी अधिक कमाई कर सकते हैं। हम आपको बता रहे हैं मधुमक्खी पालन के बिजनेस (Beekeeping business) के बारे में। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार भी आर्थिक रूप से बड़ी सहायता कर रही है।
मधुमक्खी पालन बिजनेस (Beekeeping business) से कई लोग अच्छी कमाई कर रहे हैं. अभी भी इसमें काफी संभावनाएं हैं. ध्यान होगा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में भी वित्त मंत्री ने 500 करोड़ की योजना का ऐलान किया था. लोकल से ग्लोबल की दिशा में यह एक बड़ा कदम है. न सिर्फ लोकल मार्केट में बल्कि एक्सपोर्ट में भी संभावनाएं हैं.
क्या है बिजनेस
दवाइयों से लेकर खाने के प्रोडेक्ट तक में कई जगह शहद यानी हनी का इस्तेमाल होता है। मधुमक्खी पालन कृषि और बागवानी उत्पादन बढ़ाने की भी क्षमता रखता है। इस बिजनेस को मधुमक्खी पालन या मौन पालन कहते हैं। कई राज्यों के किसान परंपरागत खेती छोड़कर मधुमक्खी पालन में उतर गए हैं। इससे उन्हें कमाई तो ही रही है, सरकार भी कई तरह की मदद करती है। मधुमक्खी पालने और शहद प्रसंस्करण इकाई (हनी प्रोसेसिंग यूनिट) लगाकर प्रोसेसिंग प्लांट की मदद से मधुमक्खी पावन के बाजार में कामयाबी हासिल की जा सकती है।
इनका भी कर सकते हैं बिजनेस
मधुमक्खी पालन से सिर्फ शहद या मोम ही नहीं मिलता बल्कि इससे और भी कई चीजें मिलती हैं। इनसे बीजवैक्स, रॉयल जेली, प्रोपोलिस या मधुमक्खी गोंद, मधुमक्खी पराग जैसे प्रोडेक्ट मिलते हैं। इन सभी प्रोडेक्ट की मार्केट में काफी डिमांड हैं।
जानें कैसा है Beekeeping का मार्केट?
शहद के साथ कई दूसरे प्रोडक्ट हैं जिनका आप उत्पादन कर सकते हैं. इनमें बीज़वैक्स (Bee wax), रॉयल जेली (Royal jelly), प्रोपोलिस या मधुमक्खी गोंद, मधुमक्खी पराग. ये सभी प्रोडक्ट्स इंसानों के लिए बहुत फायदेमंद हैं और बाजार में बहुत महंगे हैं. मतलब मार्केट में बेहद डिमांड में है.
ऐसे सरकार करेगी मदद
इस बिजनेस को स्टार्ट करने में कृषि और कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) ने फसल उत्पादकता में सुधार के लिए मधुमक्खी पालन का विकास (Development of Beekeeping for Improving Crop Productivity) नाम से एक केंद्रीय योजना की शुरुआत की है। इस योजना का मकसद मधुमक्खी पालन के क्षेत्र को विकसित करना, प्रोडक्टिविटी बढ़ाना, प्रशिक्षण करना और जागरूकता फैलाना है।
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन के लिए आर्थिक मदद की भी योजनाएं शुरू की हैं। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सरकार 80 से 85 फीसदी तक की सब्सिडी मुहैया कराती है।
कैसे करें कमाई
आप अगर चाहें तो 10 बॉक्स लेकर भी मधुमक्खी पालन कर सकते हैं। अगर 40 किलोग्राम प्रति बॉक्स शहद मिले तो कुल शहद 400 किलो मिलेगी। 350 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 400 किलो बेचने पर 1.40 लाख रुपये की कमाई होगी। अगर प्रति बॉक्स खर्च 3500 रुपये आता है तो कुल खर्च 35,000 रुपये होगा और शुद्ध लाभ 1,05,000 रुपये होगा। यह बिजनेस हर साल मधुमक्खियों की संख्या के बढ़ने के साथ 3 गुना अधिक बढ़ जाता है। यानी 10 बॉक्स से शुरू किया गया बिजनेस एक साल में 25 से 30 बॉक्स हो सकता है।
अगर आप बड़े स्तर पर मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं तो 100 बॉक्स लेकर यह काम शुरू कर सकते हैं। अगर 40 किलो प्रति बॉक्स शहद मिले तो कुल शहद 4000 किलोग्राम होगी। 350 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से 400 किलो शहद बेचने पर 14,00000 रुपये मिलेंगे। प्रति बॉक्स खर्च 3500 रुपये आता है तो कुल खर्च 3,40,000 रुपये होगा। रिटेल और अन्य खर्च 1,75,000 (मजदूर, यात्रा आदि) रुपये होगा। इसलिए शुद्ध लाभ 10,15,000 रुपये होगा।
मधुमक्खी पालन पर 85% तक सब्सिडी देगी सरकार
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) ने ‘फसल उत्पादकता में सुधार के लिए मधुमक्खी पालन का विकास’ (Development of Beekeeping for Improving Crop Productivity) नाम से एक केंद्रीय योजना शुरू की है. इस योजना में इस सेक्टर को विकसित करना, प्रोडक्टिविटी बढ़ाना, प्रशिक्षण करना और जागरूकता फैलाना है. राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) ने नाबार्ड (NABARD) के साथ मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन बिजनेस के लिए फाइनेंसिंग स्कीम भी शुरू की हैं. रोजगार के लिए आप राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड कार्यालय में जाकर पता कर सकते हैं या वेबसाइट से जानकारी ले सकते हैं. केंद्र सरकार मधुमक्खी पालन पर 80 से 85% तक सब्सिडी देती है.